बठिंडा : कभी अपने भीतर झांककर देखो और खुद का भी आकलन करो क्योंकि जब तक जमीर नहीं जगाओगे, जिम्मेदारी का अहसास नहीं होगा। डायरेक्टर जनरल स्कूल एजुकेशन काहन सिंह पन्नू ने सोमवार को अध्यापकों को कुछ इस अंदाज से कचोटा। वह निरीक्षण के बाद जिले के तमाम स्कूल मुखियाओं से डीसी कार्यालय में बैठक कर रहे थे।
डीजीएसई बेबाक बोले कि कुछ तो काबलियत के बावजूद काम करना नहीं चाहते जबकि कुछ अपने पद के काबिल नहीं। वे नहीं चाहते कि वे किसी को लताड़ें, बेहतर है कि अपना काम ढंग से कर पाने में असक्षम लोग त्यागपत्र दे दें। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में तो कमजोर तबका ही आता है जोकि अपने अधिकार के लिए बोल नहीं सकता, इनका जीवन संवारने की अध्यापकों पर बड़ी जिम्मेदारी बन जाती है। कभी प्राइवेट स्कूलों के अध्यापकों से तुलना करके देखो जोकि ज्यादा ड्यूटी देकर मामूली वेतन पाते हैं, जबकि सरकारी अध्यापक मोटा वेतन और साल में महज सौ दिन पढ़ाकर भी पचास फीसद भी ड्यूटी देने से गुरेज करते हैं जोकि न्यायसंगत नहीं।
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ये हुए आदेश
- रेशनेलाइजेशन के तहत अध्यापक-विद्यार्थी अनुपात सुधारने को तीन से चार किमी के स्कूलों में शिफ्टिंग करो।
- तलवंडी साबो के एसडीएम कार्यालय में सेवाएं दे रहे हाई स्कूल लेंडेवाला के कंप्यूटर टीचर के वेतन पर रोक।
-सफाई सबसे अहम, सफाई नहीं तो समझो बाकी काम पर पानी फिर गया।
-सरकारी सीसे स्कूल लहरा मुहब्बत के एसएलए कर्मवीर सिंह को ड्यूटी से अनुपस्थित रहने पर सस्पेंड किया।
-लंबी छुट्टी पर गए अध्यापक छुट्टी पर नहीं बल्कि गैर हाजिर अंकित किए जाएं।
- डीईओ सप्ताह में स्कूल का राउंड लाजिमी लें, असुरक्षित इमारत के जानी-माल के नुकसान के डीईओ सीधे तौर पर जिम्मेदार होंगे।
-मिड डे मील का प्रबंध जिला मैनेजर को स्वयं जाकर जांचने और क्वालिटी अच्छी नहीं होने पर तुरंत चार्ज वापस लेने के निर्देश।
- गांव रामपुरा स्कूल की अध्यापिका के लंबे समय से जिला परिषद में सेवाएं देने पर तनख्वाह बंद करने के निर्देश।
-बीएलओ की ड्यूटी स्कूल टाइम के बाद की है, इसके लिए अलग से आफिस नहीं होता। इस आड़ में फरलो मारने वाले अध्यापक स्वयं जिम्मेदार होंगे।
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तीन स्कूलों को शाबाशी
जांच के दौरान सरकारी स्कूल बीड़बहमन, लहरा धूरकोट के रंधावा सिंह, जंडांवाला के गुरसेवक सिंह व डीपीई गुरलाल की बेहतरीन कारगुजारी के लिए डीजीएसई ने उन्हें बधाई दी।
डीजीएसई बेबाक बोले कि कुछ तो काबलियत के बावजूद काम करना नहीं चाहते जबकि कुछ अपने पद के काबिल नहीं। वे नहीं चाहते कि वे किसी को लताड़ें, बेहतर है कि अपना काम ढंग से कर पाने में असक्षम लोग त्यागपत्र दे दें। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में तो कमजोर तबका ही आता है जोकि अपने अधिकार के लिए बोल नहीं सकता, इनका जीवन संवारने की अध्यापकों पर बड़ी जिम्मेदारी बन जाती है। कभी प्राइवेट स्कूलों के अध्यापकों से तुलना करके देखो जोकि ज्यादा ड्यूटी देकर मामूली वेतन पाते हैं, जबकि सरकारी अध्यापक मोटा वेतन और साल में महज सौ दिन पढ़ाकर भी पचास फीसद भी ड्यूटी देने से गुरेज करते हैं जोकि न्यायसंगत नहीं।
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ये हुए आदेश
- रेशनेलाइजेशन के तहत अध्यापक-विद्यार्थी अनुपात सुधारने को तीन से चार किमी के स्कूलों में शिफ्टिंग करो।
- तलवंडी साबो के एसडीएम कार्यालय में सेवाएं दे रहे हाई स्कूल लेंडेवाला के कंप्यूटर टीचर के वेतन पर रोक।
-सफाई सबसे अहम, सफाई नहीं तो समझो बाकी काम पर पानी फिर गया।
-सरकारी सीसे स्कूल लहरा मुहब्बत के एसएलए कर्मवीर सिंह को ड्यूटी से अनुपस्थित रहने पर सस्पेंड किया।
-लंबी छुट्टी पर गए अध्यापक छुट्टी पर नहीं बल्कि गैर हाजिर अंकित किए जाएं।
- डीईओ सप्ताह में स्कूल का राउंड लाजिमी लें, असुरक्षित इमारत के जानी-माल के नुकसान के डीईओ सीधे तौर पर जिम्मेदार होंगे।
-मिड डे मील का प्रबंध जिला मैनेजर को स्वयं जाकर जांचने और क्वालिटी अच्छी नहीं होने पर तुरंत चार्ज वापस लेने के निर्देश।
- गांव रामपुरा स्कूल की अध्यापिका के लंबे समय से जिला परिषद में सेवाएं देने पर तनख्वाह बंद करने के निर्देश।
-बीएलओ की ड्यूटी स्कूल टाइम के बाद की है, इसके लिए अलग से आफिस नहीं होता। इस आड़ में फरलो मारने वाले अध्यापक स्वयं जिम्मेदार होंगे।
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तीन स्कूलों को शाबाशी
जांच के दौरान सरकारी स्कूल बीड़बहमन, लहरा धूरकोट के रंधावा सिंह, जंडांवाला के गुरसेवक सिंह व डीपीई गुरलाल की बेहतरीन कारगुजारी के लिए डीजीएसई ने उन्हें बधाई दी।
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