Friday, 27 April 2012

28 April news

शिक्षा मित्रों की काउंसलिंग शुरू....मिड डे मुलाजिमों की बैठक पहली मई को..
शिक्षा मित्र की भर्ती दौरान दिखा उत्साह...स्पेशल ट्रेनिंग अध्यापकों ने किया कौंसलिंग का बायकाट
ਪੰਜਾਬ ਬਣਿਆ ਦੇਸ਼ ਦਾ ਨੰਬਰ ਇਕ ਸੂਬਾ..ਬਦਲਦੀ ਅਰਥਵਿਵਸਥਾ , ਭੌਤਿਕ ਬੁਨਿਆਦੀ ਢਾਂਚੇ ਤੇ ਭਵਿੱਖੀ ਤਰੱਕੀ ਲਈ ਸਭ ਤੋਂ ਵੱਧ ਭਰੋਸਾ ਦਿਖਾਉਣ ਵਿਚ ਮਾਰੀ ਬਾਜ਼ੀ...ਪੰਜਾਬ ਸਰਕਾਰ ਵਲੋਂ 3 ਆਈ ਏ ਐਸ ਤੇ 13 ਪੀ.ਸੀ.ਐਸ. ਅਧਿਕਾਰੀਆਂ ਦੇ ਤਬਾਦਲੇ
ਐਡਵੋਕੇਟ ਜਨਰਲ ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਦਫਤਰ ਦੇ ਸਾਰੇ ਲਾਆ ਅਫਸਰਾਂ ਦੀ ਸੇਵਾ ਇੱਕ ਮਹੀਨਾ ਹੋਰ ਵਧੀ..5 ਰੁਪਏ ਦੀ ਹੋ ਜਾਏਗੀ 1 ਮਈ ਤੋਂ ਰੇਲ ਪਲੇਟਫਾਰਮ ਟਿਕਟ

कार्यालय संवाददाता, होशियारपुर :

पंजाब सरकार स्कूल शिक्षा विभाग ने जिला स्तर पर 2026 ईजीएस वालंटियर (शिक्षा मित्र) भर्ती करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसी के मद्देनजर शुक्रवार को जिला शिक्षा अधिकारी (ए) कार्यालय होशियारपुर में शिक्षा मित्रों के लिए काउंसलिंग शुरू की गई। इस दौरान अव्यवस्था भी खुलकर सामने आई। काउंसिलिंग के लिए आए शिक्षा मित्रों के लिए बैठने की कोई व्यवस्था नहीं होने के कारण उन्हें जमीन पर ही बैठकर अपनी कार्रवाई करनी पड़ी। यह भर्ती भले ही प्रदेश स्तर पर होनी है परंतु इसकी प्रक्रिया जिला स्तर पर आयोजित करने का निर्णय लिया गया है। इनमें केवल उन्हीं इसमें केवल उन्हीं वालंटियरों का चुना जाएगा जिन्हे सरकार ने सेशन 2009 से 2011 तक दो साल का ईटीटी कोर्स करवाया है। पंजाब के प्राइमरी स्कूलों में इन शिक्षा मित्रों को दो साल के कांट्रेक्ट बेस पर भर्ती किया जाएगा। उन्हें 3500 रुपये प्रतिमाह वेतन दिया जाएगा। इन शिक्षा मित्रों की भर्ती के लिए काउंसलिंग 27 व 28 अप्रैल को प्रदेश के डीईओ एलीमेंट्री कार्यालयों में की जाएगी। इसके लिए 2009-11 बैच के उम्मीदवार ही योग्य बनाए गए हैं।

इस संबंध में उप जिला शिक्षा अधिकारी (ए) राम पाल का कहना है कि शुक्रवार को कुल 35 शिक्षा मित्रों की काउंसलिंग की गई है। गौरतलब है कि सरकार के इस निर्णय के विरुद्ध संगरूर के गुरदीप सिंह व 30 अन्य ने पंजाब व हरियाणा उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर मांग की थी कि 2026 ईजीएस वालंटियर व शिक्षा मित्रों को 2009-11 की ईटीटी में दाखिला लेने वालों तक ही सीमित न रखा जाए। इस केस की अगली सुनवाई 14 मई को होनी है। फिलहाल न्यायालय के निर्णय को देखते हुए शिक्षा विभाग सिर्फ काउंसलिंग ही कर रहा है।






पढ़ो पंजाब टीम पर लगाए जा रहे आरोप बेबुनियाद
Updated on: Fri, 27 Apr 2012 05:16 PM (IST)

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हमारे प्रतिनिधि, अबोहर

पढ़ो पंजाब टीम की बैठक शुक्रवार को जिला को-आर्डीनेटर शंकर चौधरी के निवास पर हुई। बैठक में डिप्टी कमिश्नर द्वारा ड्यूटी में कोताही करने वाले अध्यापकों के खिलाफ की गई कार्रवाई के लिए कुछ अध्यापक नेताओं ने पढ़ो पंजाब टीम पर लगाए जा रहे आरोपों को बेबुनियाद बताया।

पढ़ो पंजाब के जिला को-आर्डीनेटर शकर चौधरी ने कहा कि प्रत्येक महीने जिला शिक्षा विकास कमेटी की बैठक कमेटी के चेयरमैन डिप्टी कमिश्नर की अगुआई में होती है। इसमें शिक्षा के सुधार के बारे में जिले केसमस्त शिक्षा अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श किया जाता है व चेयरमैन रिपोर्ट लेते हैं। उन्होंने बताया कि इसी कड़ी के तहत 23 अप्रैल 2012 को जिला शिक्षा विकास कमेटी की बैठक डिप्टी कमिश्नर डा. बसंत गर्ग की अध्यक्षता में हुई थी, जिसमें जिले के शिक्षा अधिकारी, बीपीईओ, डाइट प्रिंसिपल के अलावा पढ़ो पंजाब टीम के सदस्य उपस्थित थे। बैठक में सभी अधिकारियों की सिफारिश पर ही अपनी ड्यूटी में कोताही करने वाले अध्यापकों पर डीसी द्वारा कार्रवाई करने के आदेश दिए गए थे। इससे पहले कि यह आदेश लागू हो पाते, पढ़ो पंजाब टीम ने प्रभावित अध्यापकों और अध्यापक दल के पदाधिकारियों को साथ लेकर डीसी से मिलकर प्रभावित अध्यापको पर कार्रवाई न करने की अपील की। बाद में डिप्टी कमिश्नर द्वारा प्रभावित अध्यापकों के लिखित आश्वासन के बाद अध्यापकों पर कार्रवाई न करने की बात को स्वीकार कर लिया। चौधरी ने कहा कि कुछ अध्यापक नेता इसके बावजूद अध्यापकों को यह कहकर गुमराह कर रहे हैं कि अध्यापकों पर कार्रवाई करवाने में जिला कोआर्डीनेटर का हाथ है। पढ़ो पंजाब टीम ने समस्त अध्यापकों से आग्रह किया है कि वह अपनी ड्यूटी को ईमानदारी से निभाएं और वह ऐसे अध्यापक नेताओं से सचेत रहे जो केवल अपनी नेतागिरी चमकाने के लिए ऐसा कर रहे हैं।


30 अप्रैल को सेवामुक्त होने वाले अध्यापक दुविधा में
Updated on: Fri, 27 Apr 2012 01:07 AM (IST)

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राज नरूला, अबोहर

आगामी 30 अप्रैल को सेवामुक्त होने वाले अध्यापक इन दिनों दुविधा में फंसे हैं। वे यही नहीं समझ पा रहे हैं कि वे निर्धारित तिथि को सेवानिवृत्त होंगे या फिर सेवा में बने रहेंगे। इसका कारण है सरकार की वह घोषणा, जिसमें कहा गया था कि अब साल में दो बार ही अध्यापकों को सेवामुक्ति दी जाएगी। लेकिन इस संबंध में अभी तक कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं जारी किए जाने से अध्यापक असमंजस में हैं।

गौर हो कि कुछ दिन पहले सरकार ने अध्यापकों की सेवामुक्ति वर्ष में दो बार 30 सितंबर व 31 मार्च को ही करने की घोषणा की थी। ऐसी घोषणा इसलिए की गई थी ताकि बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो। इसी फैसले के लागू होने को लेकर अप्रैल महीने में सेवामुक्त होने वाले अध्यापक दुविधा में हैं क्योंकि इस बाबत अभी कोई पत्र विभाग द्वारा जारी नहीं किया गया है।

अब जब अप्रैल महीना समाप्त होने को केवल चार दिन शेष बचे हैं तो ऐसे में अध्यापकों की बेचैनी बढ़ गई है। खासकर स्कूल हेड इस बात को लेकर अधिक परेशान हैं क्योंकि उन्हें स्कूल का सारा रिकार्ड मेनटेन कर आगे चार्ज देना होता है परंतु उन्हें समझ नहीं आ रहा कि वह 30 अप्रैल को सेवामुक्त होंगे या नहीं। अध्यापकों ने सरकार से इस बाबत स्पष्ट दिशा-निर्देश जल्द जारी करने की मांग की है।

इस बाबत जिला शिक्षा अधिकारी सेकेंडरी संदीप धूड़िया ने कहा कि इस मामले में अभी कोई पत्र जारी नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि जब तक कोई नया पत्र जारी नहीं होता तब तक पहले वाले नियम ही लागू होंगे।
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